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Firozabad, U.P., India
A curious Homemaker... Who is Eager to learn eveything :)

01 June, 2022

10/11/2022

 जिन घरों में घुस जाती है धूप सुबह सबेरे -खिडकी, दरवाजे, परदे की ओट से

क्या वे रोशन हो जाते ? मन उजले हो जाते?

रात का अंधेरा चीर कर ,जगमग घर में ,कोई कोना उज्जवल है?

मन मे दबी पीड़ ,कोरो मे फसें आंसू

इन अट्टालिकाओं, मे रहते चेहरे-चेहरे नहीं नकाब है

रोशनी की आड मे, मन की कालिख छुपाते लोग

मौसी मौसाजी 50anniversary

 मेरे हमदम,वो दिन तुम्हें याद होगा

जब नजरे हमारी मिली थी

बातों का दौर,तो जमाने को नापसंद था

हम तुम अजनबी ,और मन बैचैन था

बंध गये थे, अटूट बंधन मे ,इस दिन 

जमाना सारा साक्षी , मैं और तुम -बन गए *हम*

खामोशी से, इक ही रास्ते पर चल दिये

अरमानों को मन में संजोकर, इक नयी जिंदगी के लिये

कुछ तुमनें कहा, कुछ मैंने कहा

हर.रोज जीवन मे कुछ नया सा लगा

इस सफर में ,तेरा मेरा साथ सुहाना रहा

मंजिल अंतहीन ,पर तुमने रास्ता आसान किया

जीवन में हर पल , तुम्हारा साथ रहेगा

तुम्हारी मुस्कान और प्रेम से घर आबाद रहेगा

मुबारक हो हमको ,शादी की स्वर्णिम सालगिरह

दुआ है , ये साथ  जिंदगी भर रहेगा

हिंदी दिवस 2022

 जीवन के सारे रंग लिखती हिंदी

सरलता के रस से ओतप्रोत हिंदी

राग,रंग,उत्साह से भरपूर है हिंदी

गर्व है,मुझे,मेरी मातृभाषा है हिंदी

वधू के श्रंगार मे जैसे है बिंदी

वैसे ही हमारी पहचान है हिंदी

मैं लिखने लगी हूं

 🙏🙏🙏सादर  नमन 🙏🙏🙏

#काव्योदयसाहित्यिकप्रतियोगिता 

#दिनांक - 17/01/2022


हॉ मैं अब लिखने लगी हूं

तुम्हारे सवालों के उत्तर नही देती

अब मैं तुमसे उलझती नही हूं

तुम्हारी हॉ में हॉ कह देती 

इस उम्र में चुप रहती हूँ 

मेरी आँखों में कोई ख्वाईश नही

मैं नमी चुपचाप छुपा लेती हूँ 

हॉ मैं अब लिखने लगी हूं

तुम्हारी प्रीत, तुम्हारी नाराजगी 

सब मेरी लेखनी बन जाते

शब्दों को आवाज देने की जगह

चुपचाप लिख देती हूँ 

तुम भी खुश, मैं भी खुश

अपनी अपनी दुनिया में खुश

हॉ मैं अब लिखने लगी हूं

बना ली मैंने अलग ये दुनिया

कागज कलम से नाता रखकर 

मैं शायद तुम सी नही रही

पर तुम तो तुम हो ना

तुम्हारी अपनी दुनिया है

जो मेरी होकर भी कभी मेरी न थी

हॉ इसलिए मैं अब लिखने लगी हूं


मेघा जैन

फिरोजाबाद  

उत्तर प्रदेश

स्त्री दिवस 2022

 वो स्त्री है,मुस्कराते रहना,

कुछ न कुछ दिल मे छुपा कर

आदत बना लेती है

मुस्कराने की वजह तलाश ही लेती है

मन खुश रहे ,बहाना ढूंढ लेती है

फूली हुई रोटी को देखकर,

दोबारा सब्जी की फरमाइश पर,

हाथों से लगाये, पौधों पर कली देखकर,

अकेले बैठी, प्रियतम की प्यारी सी झिडकी पर

उलाहना भी मिला था,उस रोज

उसको याद कर ,भूल जाने का जज्बा लिये

कैसे भी ,मुस्कराती है, ,वो उदास स्त्री ,

हर दायरे को लाघंकर ,बस मन पक्का कर 

जी लेती है ,सकून से,मुस्कराकर ,ये जिदंगी

दो आंगन की खुशियाँ बनती ,ये स्त्री

मेघा

8/3/2022

Happy women's day

कश्मीर फाइल्स

 रोती रही ,वो कश्यप की धरती

विलखती रही वो दैविक वादी

मिट गये उस मिट्टी के वंशज

खत्म हो गए पौराणिक महत्व

चीर दिया सबका सीना

क्या नारी,क्या धरती माता

जीने को परिवर्तित हो गए

अपनी जडों से जुदा हो गये

इक जन्नत की चाह मे मानव

बना गये जहन्नुम वो दानव

रो लिये बहुत ,अपने बंधू वाधंव

अब कर दो, उनको पुनर्स्थापित

फिर से ,जीये,हमारे वो सारे पूर्वज

जो जीते जी ,जी न पाये थे तब

भर जायेगी, गोद कश्मीर की

खिल जायेगी, ये ,स्वर्ग की वादी


मेघा जैन

3/4/22

रुकना नही

 मेरी प्यारी साहसी बहन के लिए जिसने हमसफर के जाने के बाद भी हिम्मत नही हारी


प्रिय बहन,

तुम्हारी शादी की 26वी साल की बधाई ,तुम बहुत साहसी हो

कुछ पंक्तियां तुम्हारे लिये



यादें कभी मिटती नही मन से

मिटेगी क्या- धूमिल भी कभी होती नहीं

नन्ही कोंपले,मां के आंचल से निकल

पापा की अथाह छत्रछाया से निकल

अलग ही आंगन मे रौप दी जाती

देहरी से पार,भेज दी जाती, अकेली, 

पर उनका अपना ,आत्मबल, आत्म विश्वास

 सम्पूर्ण सार्थक वजूद साथ रहता है उम्र भर

फिर चाहे,कोई साथ दे न दे, न हो संग हमसफर

न कोई चमक,न कोई दमक,बस शून्य

शून्य से पार ,खुद का सफर कायम रखकर

अपनी नये अकुंरित बीजों, कोंपलो को

अपनी छाया तले,सींचती, संजोती है वो 

और बना लेती हैं, विशाल वृक्ष ,आसपास, प्यार-जतन से

अब वे उपकार चुकाने, तुम्हें सहेजने छाया देगे,फल देगें

उस छाया मे विश्राम करना, कुछ पल

जेहन मे रखना, अपना,आत्मबल और वजूद

तुम तुम्हारे वजूद से हो,बढती रहना,

रुकना नही, हमसफर खुद की खुद ही बनना

रुकना नही, हमसफर खुद की खुद ही बनना

मेघाममता

27/5/2022

बच्चे

 बच्चे दूर चले गए, बहुत दूर

हमारे घर आंगन मे खुश थे

अपनी ख्वाहिश से अनजान थे

प्यार, दुलार मे महफूज थे

हमने ही सिखा दी दुनिया की रीत

दिखा दिया ,बडा है आसमां

उड गए,अपने पंख पसार

देखे, कितना बडा है आसमान

पीछे रह गया घर सूना

साफ,सुथरा, सलीकेदार

कोई शोर नही, आवाज नही

मम्मी कहा हो ? कोई पुकार नही

सब खामोश, सब चुप

पर दिल मे है यादों का शोर

महसूस करते है बच्चे भी 

हमारी इस टीस को

बडे हो गए ,समझदार

याद दिला देते, प्यार से

सपने आपके ही अब हमारे है

खुश रहा करो, हम यही तो है

उनके सपने ,अब आँखों मे भरे

इंतजार है, हर दिन हर पल

उनके ,जल्दी घर वापसी का ,

वो आयेंगे शोर करते हुए, 

मन के शोर को दफन करने

मेघा

1/6/2022

10 May, 2021

मन

 मन की दुविधायों से बाहर निकल रे मन

कुछ अच्छा सोच, म्रग तृष्णायों से भ्रमित न हो, रे मन

जीवन मिला ,इसे यू ही व्यर्थ न कर, हे मन

बन जा अडिग,अटल निश्चल, निस्वार्थ ,हे मन

क्यों परेशान, क्यों बैचेन-चल किसी को बता दें रे मन

अपने किसी कांधे, पर सर रख,चल ,थोडा सा रो ले,रे मन

09 May, 2021

Happy mother's day

 🥰 Happy mother's day🥰

😘I love you mummy 😘

इस दुनिया में जिसने भी जन्म लिया ,उसने माँ के रूप में भगवान  को जन्म से ही पाया । माँ सिर्फ जन्म देने से माँ नही होती ,ममतामई अनुभूति हर लालन पालन करने वाले व्यक्ति में होती है। फिर वो चाहे स्त्री हो या पुरुष।😊

हम इस दुनिया में आए है और इस दुनिया के लिए हम भले ही कुछ न हो पर अपनी माँ के लिए सब कुछ है,माँ की दुनिया है हम,इस बात का अहसास हम सबको रहता है।

 🤱🏻माँ बनते ही एक स्त्री ,अपने बच्चे के लिए समर्पित हो जाती हैं। 👩‍👧‍👦बच्चों के लिए वो सारी दुनिया से लड़ने की ताकत रखती हैं । ❤️बच्चों के लिए इस समर्पण में सिर्फ प्यार स्नेह की भावना ही होती और बदले में सिर्फ प्यार की चाह ही होती है।

माँ का ममतामई स्वरूप का कुछ शब्दों में बखान करना बहुत ही मुश्किल है। अपनी माँ का रूप हर बच्चे के दिल में बसता है।

*सही कहा किसी ने भगवान सब जगह नही जा सकते इसलिए उन्होंने माँ को बनाया* ।

हम सब अपनी माँ से कितना प्यार करते है, सब अपने दिल में जानते ही है ।इस माँ और बच्चों के प्रेम का कोई माप दंड है ही नही ।😊

माँ तू एक शब्द नही ,एहसास है

माँ तू इंसान नही ,भगवान ही है

तेरे दुलार ने मेरा जीवन संवारा

तूने ही प्रीत प्रेम से परिचय कराया 

माँ तूही मुझे, इस दुनिया में लाई है

माँ तुझसे ही मेरी ये दुनिया आबाद है

तूने ही मुझे ये जिंदगी बख्शी है

हाँ माँ ,तुझसे ही तो मेरा वजूद है

माँ तू नही ,तो, कुछ भी नही है

तू है , तो , सारे जहां का सुख है

सब कहते-मैं तेरा ही प्रतिबिंब हूं -पर ,

मैं तुम जैसी माँ बनने की कोशिश में हूं

मेघा

9/5/21